भोजन में नियमित रूप से लहसुन का व्यव्हार करें| क्योंकि यह आपके फेफड़े को जानलेवा संक्रमण से बचा सकता है। एक नए अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है। निष्कर्ष के मुताबिक, लहसुन में एक रसायन पाया जाता है, जो सिस्टिक फाइब्रोसिस के मरीजों के फेफड़े में होने वाले संक्रमण के लिए जिम्मेदार जीवाणुओं का खात्मा करता है। सिस्टिक फाइब्रोसिस एक अनुवांशिक बीमारी है, जो फेफड़े को प्रभावित करता है।
लहसुन में पाया जाने वाला रसायन एलिसिन संक्रामक जीवाणुओं के समूह के खात्मे में प्रभावी भूमिका निभाता है। इन जीवाणुओं पर अधिकांश एंटिबायोटिक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन गोवन ने कहा कि ऐसे समय में जब रोगाणुरोधी एजेंट की बेहद जरूरत है, रासायनिक एवं सूक्ष्म जीवविज्ञानी अनुसंधान में यह क्षमता है कि वह पौधों जैसे लहसुन में मौजूद रोगाणुरोधी यौगिकों की खोज कर सकता है। एलिसिन का निर्माण लहसुन में स्वाभाविक तौर पर होता है, जो मिट्टी में पाए जाने वाले कुछ जीवाणुओं से उसकी रक्षा करता है।
लहसुन में पाया जाने वाला रसायन एलिसिन संक्रामक जीवाणुओं के समूह के खात्मे में प्रभावी भूमिका निभाता है। इन जीवाणुओं पर अधिकांश एंटिबायोटिक का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ब्रिटेन के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जॉन गोवन ने कहा कि ऐसे समय में जब रोगाणुरोधी एजेंट की बेहद जरूरत है, रासायनिक एवं सूक्ष्म जीवविज्ञानी अनुसंधान में यह क्षमता है कि वह पौधों जैसे लहसुन में मौजूद रोगाणुरोधी यौगिकों की खोज कर सकता है। एलिसिन का निर्माण लहसुन में स्वाभाविक तौर पर होता है, जो मिट्टी में पाए जाने वाले कुछ जीवाणुओं से उसकी रक्षा करता है।
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