अंगूर को जब विशेषरूप से सुखाया जाता है तब उसे किशमिश कहते हैं। अंगूर के लगभग सभी गुण किशमिश में होते हैं। यह दो प्रकार का होता हैं। लाल और काला। किशमिश खाने से खून बनता है, वायु दोष दूर होता हैं। पित्त दूर होता है, कफ दूर होता, और हृदय के लिये बड़ा हितकारी तथा हार्ट अटैक को दूर रखने में मदद करता है।
किशमिश के स्वास्थ्यवर्धक गुड:-
1. कब्ज -
जब किशमिश को खाई जाती है तो यह पेट में जा कर पानी को सोख
लेती हैं। जिस वजह से यह फूल जाती है और कब्ज में राहत दिलाती है।
2. वजन बढाए-
हर मेवे की तरह किशमिश भी वजन बढाने में मददगार साबित होती है
क्योंकि इसमें फ्रकटोज़ और ग्लूकोज़ पाया जाता है जिससे एनर्जी मिलती है।
अगर आपको भी अपना वजन बढाना है और वो भी कोलेस्ट्रॉल बढाए बिना तो आज से
ही किशमिश खाना शुरु कर दें।
3. अम्लरक्तता-
जब खून में एसिड बढ जाता
है तो यह परेशानी पैदा हो जाती है। इसकी वजह से स्किन डिज़ीज, फोडे़,
गठिया, गाउट, गुर्दे की पथरी, बाल झड़ने, हृदय रोग, ट्यूमर और यहां तक कि
कैंसर होने की संभावना पैदा हो जाती है। किशमिश में अच्छी मात्रा में
पोटैशियम और मैगनीशियम पाया जाता है जिसको खाने से अम्लरक्तता की परेशानी
दूर हो जाती है।
4. एनीमिया-
किशमिश में भारी मात्रा में आयरन होता है
जो कि सीधे एनीमिया से लड़ने की शक्ति रखता है। खून को बनाने के लिये
विटामिन बी कॉमप्लेक्स की जरुरत को भी यही किशमिश पूरी करती है। कॉपर भी
खून में लाल रक्त कोशिका को बनाने का काम करता है।
5. बुखार-
किशमिश
में मौजूद फिनॉलिक पायथोन्यूट्रियंट जो कि जर्मीसाइडल, एंटी बॉयटिक और
एंटी ऑक्सीडेंट तत्वों की वजह से जाने जाते हैं, बैक्टीरियल इंफेक्शन
तथा वाइरल से लड़ कर बुखार को जल्द ठीक कर देते हैं।
6. शराब के नशे से छुटकारा-
शराब पीने की इच्छा हो तब शराब की जगह 10 से 12 ग्राम किशमिश
चबा-चबाकर खाते रहें या किशमिश का शरबत पियें। शराब पीने से ज्ञानतंतु
सुस्त हो जाते हैं परंतु किशमिश के सेवन से शीघ्र ही पोषण मिलने से मनुष्य
उत्साह, शक्ति और प्रसन्नता का अनुभव करने लगता है। यह प्रयोग
प्रयत्नपूर्वक करते रहने से कुछ ही दिनों में शराब छूट जायेगी।
7. यौन दुर्बलता-
इस समस्या के लिये रोजाना किशमिश खाएं क्योंकि यह कामेच्छा को
प्रोत्साहित करती है। इसमें मौजूद अमीनो एसिड, यौन दुर्बलता को दूर करता
है। इसीलिये तो शादी-शुदा जोडों को पहली रात दूध का गिलास दिया जाता है
जिसमें किशमिश और केसर होता है।
8. हड्डी की मजबूती-
किशमिश में बोरोन
नामक माइक्रो न्यूट्रियंट पाया जाता है जो कि हड्डी को कैल्शियम सोखने
में मदद करता है। बोरोन की वजह से ऑस्टियोप्रोसिस से बडी़ राहत मिलती है
साथ ही किशमिश खाने से घुटनों की भी समस्या नहीं पैदा होती।
9. आंखों के लिये-
इसमें एंटी ऑक्सीडेंट प्रोपर्टी पाई जाती है, जो कि आंखों की
फ्री रैडिकल्स से लड़ने में मदद करता है। किशमिश खाने से कैटरैक, उम्र
बढने की वजह से आंखों की कमजोरी, मसल्स डैमेज आदि नहीं होता। इसमें
विटामिन ए, ए-बीटा कैरोटीन और ए-कैरोटीनॉइड आदि होता है, जो कि आंखों के
लिये अच्छा होता है।
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