Ayurveda

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Tuesday 6 October 2015

वायरल फीवर का घरेलू उपचार



















मौसम के बदलने के समय वायरल फीवर होता है। जब भी मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम थोड़ा कमजोर हो जाता है। इस फीवर से बचने और निजात पाने के लिए दवाईयों के अलावा कई घरेलू उपाय हैं, जिससे जल्द राहत मिल जाती है।

सूखे अदरक का मिश्रण- अदरक के अनगिनत स्वास्थ्य संबंधी गुण होते हैं। इसका एन्टी- इन्फ्लैमटोरी और एन्टी-ऑक्सिडेंट गुण बुखार के लक्षणों से राहत दिलाने में सहायता करते हैं। सूखा अदरक, एक छोटा चम्मच हल्दी और एक छोटा चम्मच काली मिर्च का पावडर और थोड़ा-सा चीनी एक कप पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि सुखकर आधा न हो जाये। दिन में चार बार इस काढ़े को पीने से बुखार से राहत मिलता है।

तुलसी- तुलसी का एन्टी बायोटीक और एन्टी बैक्टिरीअल गुण वायरल फीवर के लक्षणों से राहत दिलाने में बहुत मदद करते हैं। बीस ताजा तुलसी के पत्तों को एक लीटर पानी में एक चम्मच लौंग पावडर डालकर तब तक उबालें जब तक कि वह सुख कर आधा न हो जाये। उसके बाद उसको छानकर हल्का ठंडा करके दो घंटा के अंतराल में पीयें।

मेथी का जल- मेथी में बहुत सारे औषधिय गुण होते हैं जो वायरल फीवर के कष्टों से राहत दिलाने में सहायता करते हैं। एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच मेथी के दाने रात भर भिगोकर रखें। अगले दिन सुबह इसको छानकर निश्चित अंतराल में इसका सेवन करें। सुबह मेथी के दाने, नींबू का रस और शहद के मिश्रण का सेवन करने से भी कुछ हद तक बुखार से राहत मिलता है।

धनिया चाय- धनिया में फाइटोनूट्रीअन्ट और विटामिन होता है जो प्रतिरक्षी तंत्र को उन्नत करने में बहुत सहायता करता है। धनिया प्राकृतिक तरीके से वायरल फीवर से लड़ने में मदद करता है। एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच धनिया के दाने डालें और उसको थोड़ा उबाल लें। उसके बाद कप में छानकर स्वाद के अनुसार थोड़ा-सा दूध और चीनी डालकर पीने से बुखार से राहत मिलता है।

सोआ का काढ़ा- यह शरीर के प्रतिरक्षी तंत्र को तो उन्नत करता ही है साथ ही बुखार को कम करने में भी सहायता करता है। फल्वेनॉयड  और मोनोटर्पीन के गुण होने के कारण यह फीवर से राहत दिलाने में मदद कर पाता है। एक कप पानी में एक बड़ा चम्मच सोआ के दाने, एक छोटा चम्मच काली मिर्च और एक छोटा चम्मच कलौंजी डालकर दस मिनट तक उबालें। उबालने के बाद एक कप में छान लें और उसमें एक चुटकी दालचीनी का पावडर डालकर अच्छी तरह से मिला लें। काढ़ा को पीने से बुखार से राहत मिलेगी।

राइस स्टार्च- उपचार का यह तरीका बहुत पुराना है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालने में बहुत मदद करता है। जिससे प्रतिरक्षी तंत्र को वायरस से लड़ने में शक्ति मिलती है। राइस स्टार्च पौष्टिकता से भरपूर होता है इसलिए इसके सेवन से रोगी को शक्ति मिलती है।

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